Thursday 28 January 2016

विश्व हिदी दिवस पर फीजी के हिंदी सेवी और विद्वान सम्मानित होंगे











फीजी मे हिदी के 3 विशिष्ट व्यक्तित्व शिक्षा एवं विरासत मंत्री द्वारा सम्मानित होंगे 
फीजी में हिदी मे योगदान देने वालोॆ को प्रोत्साहित और सम्मानित करने के लिए भारतीय हाई कमीशन ने एक पहल की है जिसके अंतर्गत हिॆदी में योगदान करने वालों 3 विशिष्ट व्यक्तित्वों को 31 जनवरी सायं 6 बजे भारतीय हाई कमीशन मे फीजी के शिक्षा एवं विरासत मंत्री श्री महेन्द्र रेड्‍डी द्वारा विश्व हिदी दिवस समारोह मे पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा। इनमें भारतीय मामलो के सचिव रहे और वर्तमान में हिदी परिषद फीजी के अध्यक्ष श्री भुवन दत्त, प्रसिद्द टी.वी. व्यक्तित्व और ई - ताऊकेई भाषी हिंदी भाषा के विद्वान श्री नेमानी व समर्पित शिक्षक अनूप कूमार शामिल हैॆ
सम्मानित व्यक्तित्व और उनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है ) श्री नेमानी, ( सद्भभावना पुरस्कार)श्री भुवन दत्त , ( हिंदी सेवा) श्री अनूप कुमार ( समर्पित हिंदी शिक्षक)
हिंदी में योगदान करने वाली ई-ताऊकेई व्यक्तित्व
श्री नेमानी बैनीवालु- फीजी के लोकप्रिय टी.वी व्यक्तित्व नेमानी का जन्म बा में हुआ था । उन्होंने वही के खालसा कालेज , जिसके प्रसिद्ध हिंदी लेखक श्री जोगिंदर सिंह कँवल प्रिसिंपल थे, से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने यू.एस.पी से विवेकानंद शर्मा जी , जिन्हें वे अपना गुरू मानते हैं के मार्गदर्शन में हिंदी में डिप्लोमा किया। फीजी टेलिविजन पर इस समय एक कार्यक्रम प्रत्येक सप्ताह में तीन बार दिखाया जाता है। वसया भाषा – Sharing the language । इस कार्यक्रम में वाक्यों को अंग्रेजी, इथुकेई व हिंदी भाषा में बताया जाता है। वे इस कार्यक्रम के प्रोड्युसर एवं प्रस्तुतकर्ता हैं। इसी विषय पर वे एक पुस्तक भी लिख रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री की भारतीयों को संबोंधित सभाओं में उनके भाषण का हिंदी में अनुवाद किया। वे हाल में ही गठित हिंदी परिषद के उपाध्यक्ष हैं । इस समय वे राजेन्द्र प्रसाद की पुस्तक टीयर्स इन पैराडाइस का अनुवाद कर रहे हैं।
हिंदी सेवी – श्री भुवन दत्त
भुवनदत्त जी ने अपनी शिक्षा फीजी, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन से प्राप्त की। उन्होंने अकादमिक विषय लैंड सर्वे था। उन्होंने लगभग 34 वर्ष तक फीजी सरकार में काम किया । जिसमें लगभग 20 वर्ष वे सचिव के पद पर रहे। ज्यादातर वे भूमि, पर्यावरण, खान विकास आदि विभागों में सचिव के रूप में रहे पर इनमें से पांच वर्ष तक वे भारतीय मामलों के सचिव थे। यह समय 1987 से 1992 का समय था जब कू के कारण भारतीय समुदाय चिंताग्रस्त था। वर्ष 1998 में सेवानिवृत्ति के पश्चात वे पूरा समय आर्य समाज को दे रहे हैं। उनके प्रयासों से फीजी नेशनल युनिवर्सटी ,जिसके वे लंबे समय तक प्रो चांसलर रहे में डिग्री स्तर पर हिंदी पढ़ाई जाती है और िपछळे वर्ष से वहां पर संस्कृत का अध्ययन प्रारंभ हो गया है। इस आयु में भी अपनी भाषा और संस्कृति के लिए काम करने का उत्साह कम नहीं हुआ है और वे हाल में ही गठित हिंदी परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
भुवनदत्त जी फीजी मे आर्यसमाज की पहचान है। फीजी में आर्यसमाज आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतर्गत चलता है और वे इस संस्था के लगभग 20 वर्ष तक सचिव रहे हैं। और अभी इससे जुड़ों सभी ट्रस्टों और संस्थाओं मे मार्गदर्शक भूमिका में हैं।
श्री अनूप कुमार
अनूप कुमार ने लाटुका से अपनी शिक्षा प्राप्त की और हिंदी की पढ़ाई और डिप्लोमा यू.एस.पी से किया । उनके जीवन की कथा संघर्षों से भरपूर है। अपनी पढ़ाई के लिए उन्होंने खेतों में काम किया। उनके पिता कुआं खोदने का काम करते थे जिसके लिए उन्हें 50 शिलिंग प्रति कुआं मिलता था। इनका सपना था वे शिक्षण में जाएं । निरंतर मेहनत और प्रयत्नों से वे शिक्षा में आ गए हैं। आपने पहले विष्णु देव मेमोरियल कालेज व बा सनातन कालेज में पढ़ाया और इस समय जेसपर विलियम्स हाई स्कूल में पढ़ा रहे हैं।
स्कूल की गतिविधियों के अतिरिक्त वे हिंदी और संस्कृति के कार्यॆ में संलग्न है। सनातन सभा के साथ मिल कर त्रिवेणा बाल विकास केंद्र चला रहे है। रामायण की एक मंडली का संयोजन कर रहे है और हाल में ही गठित राम चरित मानस संस्था के महा सचिव के रूप में निर्वाचित हुए हैं।



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