Wednesday 21 December 2016

हिदी गतिविधियां













फीजी में हिंदी के नवोदित लेखकों के लिए अत्यंत सफल कार्यशाला
पिछले शनिवार को हिन्दी लेखक संघ फिजी ने महत्वाकांक्षी और हिंदी लेखकों, विद्वानों और हिन्दी के प्रति उत्साही नवोदित लोगों के लिए एक हिन्दी रचनात्मक लेखकों की कार्यशाला आयोजित की। इसमें 44 नवोदित लेखकों की रिकार्ड भागीदारी अपने आप में एक सफलता की कड़ी है। ऐसी कार्यशाला पिछली बार 1998 में हुई थी लेकिन उसमें ज्यादातर यूनिवर्सिटी के छात्र थे।
इसको ऐतिहासिक इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि इसमें भाग ले रहे लोग पूर्वी और पश्चिमी विभाग से थे जिसमें शिक्षक लेखक और विद्यार्थी शामिल थे।
पहला सत्र प्रोफ़ेसर सुब्रमणि द्वारा लिया गया जिसमें उन्होंने गद्य पर बात की। प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने की कोशिश में उन्होंने कहा कि सभी के अंदर एक किताब है। लेखने के विभिन्न प्रकारों पर बोलते हुए उन्होंने यह समझाया कि अपने लेख कों रचनात्मक कैसे बनाएं।
दूसरा सत्र भारतीय उच्चायोग के द्वितीय सचिव, अनिल शर्मा द्वारा लिया गया जिन्होंने कविता पर बातें की। भारत के विभिन्न जाने-माने कवियों की वीडियो प्रस्तुति की गई। उन्होंने हिंदी कविताओं के विभिन्न छंदों पर जानकारी दी।
हिन्दी लेखक संघ फिजी के अध्यक्ष श्री जैनेन प्रसाद ने बताया कि इस शानदार कार्यशाला के संचालन और संयोजन का श्रेय उनके मेहनती सदस्यों को जाता है। इसमें शामिल है श्वेता, श्यामला, अजय सिंह, किरण, उत्तरा गुरदयाल, रोहिणी, और अविनेश। यह USP के साथ साझेदारी में किया गया जिसमें हिंदी भाषा के प्रमुख श्रीमती इंदु चंद्रा का बहुत बड़ा हाथ रहा ।


रचनात्मक लेखकों का यादगार कार्यक्रम, लेखकों की कार्यशालाा- 1998 के बाद पहली कार्यशाला - 44 नवोदित लेखकों की रिकार्ड भागीदारी- प्रस्तुति के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि - फीजी में भारत के हाईकमिश्नर श्री विश्वास सपकाल- प्रख्यात साहित्यकार प्रो सुब्रमणि द्वारा रचना पाठ, श्री परसराम और उत्तरा गुरदयाल की कहानियों की प्रसिद्द रेडियो कलाकार नूरजहां और अविनेश द्वारा प्रस्तुति । अनिल शर्मा, जैनेन प्रसाद, श्वेता , श्यामला , सुभाषिनी लता का काव्यपाठ, श्रीमती किरण सिंह, श्री अजय सिंह, श्री सात्विक दास, श्रीमती आशा दास द्वारा सुरीला संगीत कार्यक्रम । माननीय हाईकमीश्नर द्वारा फीजी में हिदी के प्रचार - प्रसार के लिए हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन। जैनेन प्रसाद का शानदार संचालन और संयोजन- श्री दीवानचंद महाराज, ट्रस्टी - सनातन बोर्ड , भुवन दत्त - आर्य प्रतिनिधि सभा, श्री राजपूत - बैंक आफ बड़ौदा, प्रो मोहंती, श्रीमती इंदु चंद्रा, प्रो. सुरेन्द्र प्रसाद , प्रो दिवाकर आदि उपस्थित, । कार्यशाला में दो सत्र - पहला सत्र - गद्य लेखन - प्रो. सुब्रमणि , दूसरा सत्र - हिदी कविता - भारत के प्रसिद्द कवियों - पाश, बच्चन, भवानी प्रसाद, लोकप्रिय कवि - अशोक चक्रधर , नीरज आदि की वीडियो प्रस्तुति, प्रतिभागियों द्वारा रचना पाठ - रिकार्ड भागीदारी।






भारतीय उच्चायोग, सुवा ,फीजी में अविस्मरणीय कार्यक्रम हुआ और उसका भावनात्मक क्षण तब आया जब रामकथा को ई-ताऊकेई में अऩुवाद करने वाले प्रसिद्ध मीडिया व्यक्तित्व श्री नेमानी अपने अनुभवों को साझा करते हुए राम -भरत प्रसंग को याद कर भावुक हो रो पडे। श्री योगेश कर्ण ( स्थायी सचिव, प्रधानमंंत्री कार्यालय) ने हिदी के संबंध मे सराकरी स्तर पर नीतिगत परिवर्तन - प्रोफेशनल पाठ्यक्रम पर जोर दिया , श्रीमती वीणा भटनागर, महिला, गरीबी उन्मूलन . सहायक मंत्री ने श्री विश्वास सपकाल, हाई कमीश्नर के नेतृत्व में भारतीय हाई कमीशन द्वारा भाषा और संस्कृति संबंधी क्षेत्र मे किए जा रहे जबर्दस्त कार्यों से आ रहे भारी परिवर्तन की सराहना की, चांसलर , फीजी नेशनल युनिवर्सटी, श्री इकबाल जैनिफ ने गिरमिट का इतिहास फिर से लिखने पर जोर दिया, हाई कमीश्नर , श्री विश्वास सपकाल ने हिंदी दिवस की पृष्ठभूमि , हाई कमीशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गई पहल की जानकारी दी। उन्होंन बताया कि इस वर्ष गिरमिट इतिाहस को हिदी में युवा पीढ़ी तक व्यापक रूप से पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और तीन विजेताओं को भारत यात्रा पर भेजा जाएगा। ़डॉ मोहित प्रसाद - प्रसिद्ध विद्ान ने गिरमिट का इतिहास और हिंदी के संबंध में कहा कि कोई भाषा तब मरती है जब हम अपनी विरासत पर शर्म करने लगते हैं, श्री नेमानी ने कहा कि रामकथा से भारतीय मूल के ही नहीं बल्कि इताऊकेई भी प्रेरणा लें सकते हैं यह अद्भुत ग्रंंथ है। , श्रीमती कविता सुदर्शन ने फीजी के कवि श्री कमला प्रसाद मिश्र के गीतो की अविस्मरणीय प्रस्तुति की । कार्यक्रम का संयालन अनिल शर्मा ने किया । कार्यक्रम में युनिवर्सटी ऑफ फीजी के रजिस्ट्रार श्री कमलेश आर्य , आर्य समाज के श्री भुवन दत्त, फीजी सेवाश्रम संघ के स्वामी संयुक्तानंद, सनातन सभा के श्री दीवानचंद, बंैंक आफ ब़़ड़ोदा के सी.ई.ओ श्री राजपूत, एल.आई,सी .आाई के प्रमुख श्री संजय दयाल आदि फीजी भारतीय समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे।










फीजी के पश्चिमी भाग में हिंदी परिषद की स्थापना- हिंदी परिषद अभी तक केवल राजधानी सुवा में थी। दिनांक 17 सिंतबंर को भारतीय मूल के प्रमुख नगरों , बा, लाटुका, नांदी, सिंगाटोका के प्रतिनिधियों के साथ पश्चिमी भाग में हिदंी परिषद की इकाई शुरू की गई । पहली बैठक में जो विषय चर्चा हुई - फीजी में हिंदी शिक्षा के लिए फंड की स्थापना करना, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन करना , पश्चिम में हिंदी लेखकोें के लिए कार्यशाला करना आदि शामिल थे। बैठक में देश की चारों प्रमुख सामाजिक संस्थाओं आर्य समाज के श्री भुवन दत्त, श्री कमलेश आर्य, सनातन सभा के श्री वीरेन लाल , संगम ( दक्षिण भारतीय मूल के लोग) संस्था के अध्यक्ष श्री नायकर, गुजराती समाज की अध्यक्ष श्रीमती नीरू बहन व श्री मनहर नारसी उपस्थित थे। श्री आनंदी भाई अमीन के संयोजन में श्रीमती सुकेश बली ( युनिवर्सटी ऑफ फिजी) को अध्यक्ष व श्रीमती सुभाषिनी ( फीजी नेशनल युनिवरस्टी ) को महासचिव चुना गया।







भारतीय उच्चायोग के सहयोग से यू.एस.पी में हिंदी दिवस समारोह, 26 सितंबर - डॉ मोहित प्रसाद की गिरमिट पर बनी फिल्म -ए फार एप्पल की शानदार प्रस्तुति , कलाकारों का उत्कृष्ट अभिनय, भारत के हाई कमिश्नर श्री विश्वास सपकाल , भारत में फीजी की हाई कमिश्नर सुश्री नमिता खत्री , सांसद श्री विमान प्रसाद, डीन सुश्री आकानसी की गरिमामयी उपस्थिति





फीजी में हिंदी पर केंद्रित प्रवासी संसार पत्रिका का कार्यवाहक प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण 




12 देशों केविश्वविद्यालय युनिवर्सटीऑफ साउथ पैसिफिक में हिंदी का अध्य्यन जारी रहेगा। भारत के हाई कमिशनर श्री विश्वास सपकाल द्वारा 79560 फीजीयन डालर की राशि उपकुलपति डॉ राजेश चंद्रा को भेंट। वर्ष 2015 में आर्थिक परेशानियों के कारण हिंदी अध्य्यन को बंद करना पड़ा था। अब भारत सरकार के सहोयग से इसे दुबारा शुरू किया गया है। एक लंबे अभियान और प्रयास की सुखद परिणिति । भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, श्री श्याम परांडे और श्री नारायण कुमार का विशेष आभार।





25 दिन की भारत यात्रा पर जाएंगे - फीजी के 3 विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी - हिंदी में गिरमिट पर प्रतियोगिता के आधार पर 3 विद्यार्थियों का चयन व पुरस्कार दिनांक 9 नवंबर को -कार्यक्रम में पुरस्कार भारत के हाई कमिश्नर व स्वास्थय मंत्री द्वारादिए गए।





लघु कहानी प्रतियोगिता - गिरमिट- प्रथम पुरस्कार - कोमल करिश्मा लता - भारतीय हाई कमीशन की ओर से 25 दिन की भारत यात्रा - 18 नवंबर को पुरस्कार समारोह के आयोजन में अतिथि के रूप में जाने का अवसर मिला - फीजी नेशनल युनिवर्सटी- संयोजक - श्रीमती सुभाषिनी- सान्निध्य - प्रो. सुब्रमणि





4 पुस्तकों का भव्य लोकार्पण कार्यक्रम और चर्चा - दिनांक 6 दिसंबर को युनिवरस्टी आफ साउथ पैसिफिक में फीजी के शिक्षा मंत्री माननीय श्री महेन्द्र रेड्ी द्वारा भारतीय हाई कमीशन के चार्ज डी अफेयर श्री आर.डी.यादव की उपस्थति में 4 पुस्तकों का लोकार्पण और चर्चा का कार्यक्रम हुआ- लेखक/ लेखिका - पुस्तकें हैं - श्रीमती उतरा गुरदयाल - फिलासफी प्यार की, महक - गिरमिट पर आधारित पुस्तक, अलका सिन्हा - जीमेल एक्सप्रेस, भाई चंद पटेल - हाथ की लकीरें । यह कार्यक्रम हिंदी लेखक संघ , भारतीय सांस्कृतिक परिषद और यू.एस.पी के द्वारा किया गया । वक्ता थे- अनिल शर्मा, श्रीमती इंदु चंद्रा, श्रीमती श्यामला , जैनेन प्रसाद। भव्य आयोजन के लिए आयोजकों को बहुत बधाई ।
















फीजी में हिंदी के नवोदित लेखकों के लिए अत्यंत सफल कार्यशाला
पिछले शनिवार को हिन्दी लेखक संघ फिजी ने महत्वाकांक्षी और हिंदी लेखकों, विद्वानों और हिन्दी के प्रति उत्साही नवोदित लोगों के लिए एक हिन्दी रचनात्मक लेखकों की कार्यशाला आयोजित की। इसमें 44 नवोदित लेखकों की रिकार्ड भागीदारी अपने आप में एक सफलता की कड़ी है। ऐसी कार्यशाला पिछली बार 1998 में हुई थी लेकिन उसमें ज्यादातर यूनिवर्सिटी के छात्र थे।
इसको ऐतिहासिक इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि इसमें भाग ले रहे लोग पूर्वी और पश्चिमी विभाग से थे जिसमें शिक्षक लेखक और विद्यार्थी शामिल थे।
पहला सत्र प्रोफ़ेसर सुब्रमणि द्वारा लिया गया जिसमें उन्होंने गद्य पर बात की। प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने की कोशिश में उन्होंने कहा कि सभी के अंदर एक किताब है। लेखने के विभिन्न प्रकारों पर बोलते हुए उन्होंने यह समझाया कि अपने लेख कों रचनात्मक कैसे बनाएं।
दूसरा सत्र भारतीय उच्चायोग के द्वितीय सचिव, अनिल शर्मा द्वारा लिया गया जिन्होंने कविता पर बातें की। भारत के विभिन्न जाने-माने कवियों की वीडियो प्रस्तुति की गई। उन्होंने हिंदी कविताओं के विभिन्न छंदों पर जानकारी दी।
हिन्दी लेखक संघ फिजी के अध्यक्ष श्री जैनेन प्रसाद ने बताया कि इस शानदार कार्यशाला के संचालन और संयोजन का श्रेय उनके मेहनती सदस्यों को जाता है। इसमें शामिल है श्वेता, श्यामला, अजय सिंह, किरण, उत्तरा गुरदयाल, रोहिणी, और अविनेश। यह USP के साथ साझेदारी में किया गया जिसमें हिंदी भाषा के प्रमुख श्रीमती इंदु चंद्रा का बहुत बड़ा हाथ रहा ।

नात्मक लेखकों का यादगार कार्यक्रम, लेखकों की कार्यशालाा- 1998 के बाद पहली कार्यशाला - 44 नवोदित लेखकों की रिकार्ड भागीदारी- प्रस्तुति के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि - फीजी में भारत के हाईकमिश्नर श्री विश्वास सपकाल- प्रख्यात साहित्यकार प्रो सुब्रमणि द्वारा रचना पाठ, श्री परसराम और उत्तरा गुरदयाल की कहानियों की प्रसिद्द रेडियो कलाकार नूरजहां और अविनेश द्वारा प्रस्तुति । अनिल शर्मा, जैनेन प्रसाद, श्वेता , श्यामला , सुभाषिनी लता का काव्यपाठ, श्रीमती किरण सिंह, श्री अजय सिंह, श्री सात्विक दास, श्रीमती आशा दास द्वारा सुरीला संगीत कार्यक्रम । माननीय हाईकमीश्नर द्वारा फीजी में हिदी के प्रचार - प्रसार के लिए हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन। जैनेन प्रसाद का शानदार संचालन और संयोजन- श्री दीवानचंद महाराज, ट्रस्टी - सनातन बोर्ड , भुवन दत्त - आर्य प्रतिनिधि सभा, श्री राजपूत - बैंक आफ बड़ौदा, प्रो मोहंती, श्रीमती इंदु चंद्रा, प्रो. सुरेन्द्र प्रसाद , प्रो दिवाकर आदि उपस्थित, । कार्यशाला में दो सत्र - पहला सत्र - गद्य लेखन - प्रो. सुब्रमणि , दूसरा सत्र - हिदी कविता - भारत के प्रसिद्द कवियों - पाश, बच्चन, भवानी प्रसाद, लोकप्रिय कवि - अशोक चक्रधर , नीरज आदि की वीडियो प्रस्तुति, प्रतिभागियों द्वारा रचना पाठ - रिकार्ड भागीदारी।